गुफा के अंदर बने घरों में रहते हैं 3000 लोग, भूकंप और बम से बर्बादी का खतरा नहीं
इस्लामाबाद. पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से 60 किमी दूर हसन अब्दल गांव में करीब 3000लोग गुफा बनाकर रह रहे हैं। गुफा में घर जैसी सारी सुविधाएं होती हैं। इलाके के काउंसलर हाजी अब्दुल रशीद भी गुफा में ही रहते हैं।
आमतौर पर इन घरों (गुफा) को लोग खुद ही बनाते हैं। दीवारों पर प्लास्टर किया जाता है। लोगों का कहना है कि इसके चलते भूस्खलन का खतरा नहीं रहता। रशीद कहते हैं कि अगर हम मिट्टी का घर बनाएंगे तो वह बारिश में ढह जाएगा। लेकिन इसके गिरने का खतरा नहीं है। हमारी गुफा तो भूकंप और बमरोधी भी है।
इलाके के लोग बीते 500 सालों से गुफा में रह रहे हैं। गुफा बनाने के पीछे वजह यह है कि इसका निर्माण सस्ता है। रहवासी अमीरउल्ला खान का कहना है कि गर्मी में 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी गुफा के अंदर ठंडक रहती है। सर्दियों में गर्माहट रहती है। घर बनाने में कम से कम ढाई लाख रुपए लगते हैं, वहीं गुफा महज 40 हजार रुपए में बन जाती है। हालांकि गुफा की अपनी दिक्कतें भी हैं। यहां सूर्य की रोशनी नहीं पहुंच पाती।
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Source: bhaskar international story