पाकिस्तान: लड़कियों की जिंदगी में आजादी, बदलाव का जरिया बन गई है साइकिल, विरोध के बाद भी जनून में कमी नहीं आ रही
कराची .कराची के कस्टम हाउस के सामने बने चौराहे पर हर रविवार सुबह 6 बजे 30-40 लड़कियां साइकिल पर राउंड लगाने लगती हंै। ल्यारी की संकरी सड़कों पर वो आत्मविश्वास के साथ घूमती हैं। करीब दो घंटे तक हेलमेट के नीचे स्कार्फ पहने हुए वे इसी तरह खुशी मनाते हुए लौट आती हैं। कराची में ऐसे 15 साइकिलिंग ग्रुप बन गए हैं, जो लड़कियों को आजादी से घूमने और जिंदगी बेहतर करने में मदद दे रहे हैं।
इन लड़कियों की इंस्ट्रक्टर जुलेखा दाऊद के मुताबिक कराची के सबसे पुराने इलाकों में से एक, ल्यारी, एक समय कम आय वाला क्षेत्र था। पर पिछले कुछ वर्षों में युद्ध क्षेत्र में बदल गया। ऐसे इलाके में लड़कियों का यूं बेखौफ साइकिलिंग करना हिम्मत की बात है। इस साल जनवरी में ही यहां लड़कियों साइकिल की रैली पर विरोध के बाद बैन लगा दिया गया था। लेकिन इन लड़कियों का जुनून कम नहीं हुआ है। 15 साल की गुल्लू बदर बताती है कि मैं यहां पर बिना डर के साइकिल चलाती हूं, देखकर अच्छा लगता है कि मेरे साथ कई लड़कियां मौजूद रहती हैं।
जुलेखा बताती हैं कि पाकिस्तान में लड़कियों को साइकिल पर मुश्किल से ही देखा जाता है। पर वीकेंड में ऐसे लड़कियों के समूह बढ़ रहे हैं, यह बड़ा बदलाव है। 30 साल की आलिया मेमन बताती हैं कि हमारे देश में पुरुषों को नई पहल आसानी से मंजूर नहीं होती। जब लड़कियां पहल करें तो वे बौखला जाते हैं। मैंने 15 साल के गैप के बाद साइकिलिंग शुरू की। मुझे इससे भावनात्मक ताकत मिलती है।
साइकिलिंग के साथ सामाजिक जागरूकता में भी लगा है ग्रुप :ल्यारी कैफे, क्रिटिकल मास कराची और सीजी राइडर्स जैसे करीब 15 ग्रुप राइडिंग कैंप और इससे जुड़े इवेंट रखते हैं। हर ग्रुप में 30-40 सदस्य हैं। ये पोलियो जागरुकता, ब्लड डोनेशन, शिक्षा की अनिवार्यता और सेहत की बेहतरी के बारे में लोगों को बताते हैं। जुलेखा बताती हैं कि लड़ाई-झगड़ों के माहौल में इस तरह की पहल सुकून देती हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Source: bhaskar international story