साल के दो महीने ध्रुवीय भालुओं का जमावड़ा, 10 हजार लोग इन्हें देखने आते हैं
मॉन्ट्रियल. कनाडा का एक शहर चर्चिल आर्कटिक सर्किल के पास स्थित है। यह शहर ध्रुवीय भालुओं (पोलर बियर) के लिए मशहूर है। उत्तरी ध्रुव से सटे होने के चलते शहर में साल के दो महीने काफी भालू आते हैं। शहर की आबादी महज 900 है, लेकिन इन भालुओं को देखने हर साल 10 हजार पर्यटक आते हैं।
चर्चिल शहर कनाडाई प्रांत मनीटोबा में स्थित है। हडसन की खाड़ी के तट पर स्थित यह शहर मनीटोबा की राजधानी विनीपेग से 1600 किमी उत्तर में है। यहां सिर्फ रेलमार्ग से पहुंचा जा सकता है।
संगठन पोलर बियर्स इंटरनेशनल के ज्यॉफ यॉर्क हर साल कई दिन चर्चिल में बिताते हैं। उनका कहना है कि अगर आप कोई शहर बसाना चाहते हैं तो यहां आप कतई नहीं आना चाहेंगे। जब गर्मियों में हडसन की खाड़ी की बर्फ पिघल जाती है तो ध्रुवीय भालू शहर में आ जाते हैं। इसके बाद वे अक्टूबर-नवंबर तक ही वापस लौट पाते हैं।
चर्चिल को मनीटोबा का आभूषण (ज्वेल) कहा जाता है। यह कनाडा के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। भालुओं के सीजन में यहां करीब 10 हजार पर्यटक आते हैं। स्थानीय सरकार की तरफ से लोगों को बियर दिखाने की खास व्यवस्था की जाती है। पर्यटकों को ऊंचे ट्रकों पर घुमाया जाता है ताकि भालू उस पर न चढ़ सकें।
अब चर्चिल निवासियों के लिए चुनौती यह है कि वे भालुओं को बिना कोई नुकसान पहुंचाए अपने इलाके में रहने दें। हालांकि पहले भालुओं को गोली मार दी जाती थी। चर्चिल के मेयर माइक स्पेंसर कहते हैं कि मैंने उस दौर को भी देखा है, जब कंजर्वेशन अफसर सीजन में 25 भालुओं को गोली मार देता था।
स्थानीय लोग और पर्यटक भालुओं से सचेत रहें, इसके लिए बाकायदा साइन बोर्ड लगाए गए हैं। लोगों को बताया गया है कि खतरा होने पर वे एक हॉटलाइन नंबर पर फोन भी कर सकते हैं।
चर्चिल में रहने वाले लोग ध्रुवीय भालुओं को कभी नजरअंदाज नहीं कर सकते। शहर में रह चुके एक व्यक्ति बताते हैं कि विनीपेग में कोई भी चर्चिल में रह चुके आदमी को पहचान सकता है क्योंकि वहां रहने वाला व्यक्ति पैदल चलने के दौरान काफी चौकन्ना होता है।
चर्चिल शहर की एक खास बात यह भी है कि यहां के दरवाजे और गाड़ियों पर कभी ताला नहीं लगता। क्योंकि भालू के पीछे लगने की स्थिति में कभी भी किसी को छिपने या भागने की जरूरत पड़ सकती है।
शहर के लिए 1983 में पोलर बियर अलर्ट प्रोग्राम की शुरुआत हुई थी। इसके बाद से भालुओं का कोई गंभीर हमला नहीं हुआ है। प्रोग्राम के पहले सीजन में ही पहली और आखिरी घटना हुई थी। उस वक्त एक व्यक्ति पर भालू ने हमला कर दिया था। पड़ोस के लोग भी मदद के लिए नहीं पहुंच पाए थे। बाद में उसकी मौत हो गई।
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Source: bhaskar international story